क्या कोई सुबूत है अब उन कबूतरों का क्या होगा? क्या कोई सुबूत है अब उन कबूतरों का क्या होगा?
आंगन आपके ही जन्मी, मैंने भी दादी संग तुलसी को सींचा था, जब जब बीमार पड़े थे बाबा आंगन आपके ही जन्मी, मैंने भी दादी संग तुलसी को सींचा था, जब जब बीमार...
बैठा हूँ फिर भी लिये फूल हाथों में बेवफ़ा फागुन में जो दग़ा दे गयी। बैठा हूँ फिर भी लिये फूल हाथों में बेवफ़ा फागुन में जो दग़ा दे गयी।
एक आँसू बोल पड़ा तेरे दर्द से काग़ज़ की स्याही बिखर गई जिस्म के रोंगटे खड़े हुए और वो सिह एक आँसू बोल पड़ा तेरे दर्द से काग़ज़ की स्याही बिखर गई जिस्म के रोंगटे खड़े हु...
ज़िन्दगी आजकल मोबाइल तक सिमट गई पास बैठे हुए सब दूर हो गए , और दूर बैठे हुए सब पास हो ज़िन्दगी आजकल मोबाइल तक सिमट गई पास बैठे हुए सब दूर हो गए , और दूर बैठे हु...
आज समझा मुझे जिंदगी में, बहुत कुछ करना रह गया तेरे लिये जीते जीते, अपने लिये जीना रह ग आज समझा मुझे जिंदगी में, बहुत कुछ करना रह गया तेरे लिये जीते जीते, अपने लिये ...